सीसम के पत्ते , तेल और लकड़ी के फायदे
Rosewood Leaf , Oil and Wood Benefits
सीसम के पत्ते , तेल और लकड़ी के फायदे (Rosewood Leaf , Oil and Wood Benefits) सीसम का पेड़ आसानी से हर जगह देखने को मिल जाता है। इसे सिसु, ताहली या ताली, बिरदी, सीसाउ आदि के नाम से भी जाना जाता है। यह पंजाब का राज्य में ज्यादा मिलता है। इस सदाबहार पेड़ की पत्तियां आकार में छोटी होती हैं। इसके छोटे पीले रंग के फूल होते हैं।
Wikipedia के अनुसार
शीशम बहुपयोगी वृक्ष है। इसकी लकड़ी, पत्तियाँ, जड़ें सभी काम में आती हैं। लकड़ियों से फर्नीचर बनता है। पत्तियाँ पशुओं के लिए प्रोटीनयुक्त चारा होती हैं। जड़ें भूमि को अधिक उपजाऊ बनाती हैं। पत्तियाँ व शाखाएँ वर्षा-जल की बूँदों को धीरे-धीरे जमीन पर गिराकर भू-जल भंडार बढ़ाती हैं।
शीशम की लकड़ी भारी, मजबूत व बादामी रंग की होती है। इसके अंतःकाष्ठ की अपेक्षा बाह्य काष्ठ का रंग हल्का बादामी या भूरा सफेद होता है। लकड़ी के इस भाग में कीड़े लगने की आशंका रहती है। इसलिए इसे नीला थोथा, जिंक क्लोराइड या अन्य कीटरक्षक रसायनों से उपचारित करना जरूरी है।
शीशम के 10-12 वर्ष के पेड़ के तने की गोलाई 70-75 व 25-30 वर्ष के पेड़ के तने की गोलाई 135 सेमी तक हो जाती है। इसके एक घनफीट लकड़ी का वजन 22.5 से 24.5 किलोग्राम तक होता है। आसाम से प्राप्त लकड़ी कुछ हल्की 19-20 किलोग्राम प्रति घनफुट वजन की होती है।
सीसम के पेड़ से लाभ
सीसम के पेड़ के फायदे
सीसम की लकड़ी का फ़र्निचर बनता है जो बहुत मजबूत और भारी होता है। अंग्रेजी में सीसम की लकड़ी को रोजवुड रोजवुड कहते हैं। सीसम की लकड़ी से तेल प्राप्त होता है जो दवा के रूप में काम करता है। इसके अलावा सीसम की छाल, जड़ और क्रेजी का उपयोग भी दवा के रूप में हो सकता है।
सीसम की मदद से कई प्रकार की शारीरिक परेशानी जैसे पाचन की समस्या, जोड़ों में दर्द, आंखों में जलन, आंखें लाल होना, नकसीर आना, दांत या त्वचा संबंधी परेशानी का लाभ मिल सकता है।
आइए जानें सीसम ट्री का उपयोग कई शारीरिक समस्याओं में कैसे आनंदित करता है ।
सीसम का तेल
सीसम का तेल दर्द के लिए फायदेमंद होता है
दांतों में , सिर में या जोड़ों में दर्द हो सकता है तो सीसम के तेल से आराम मिल सकता है। सिर दर्द हो तो इसकी तेल की मालिश करनी चाहिए। दांतों में दर्द हो तो सीसम के तेल में रुई का फाया प्रभाव दांतों पर रखना चाहिए। जोड़ों में दर्द हो तो सीसम का तेल गर्म होने से जोड़ों पर मालिश करने से लाभ होता है।
आँख लाल हो या आँख मे जलन हो
सीसम की पत्तियां आंखों के लिए फायदेमंद होती हैं
सीसम के कोमल पत्ते अच्छे से धोकर पीस लें। इसकी लुगदी को रात को सोते समय आंखों की मात्रा पर स्थिरता से बांध लें। इससे आंखों के दर्द, जलन और जिजिमा से मुक्ति मिलती है।
शरीर में जलन
सीसम का तेल जलन के लिए फायदेमंद होता है
कुछ लोगों को शरीर मे जलन महसूस होती है। इसके लिए शीशम का तेल जलने वाले हिस्से मे कुछ ही दिन में जलन ठीक हो जाती है।
पेट की जलन
सीसम की पत्तियां पेट के लिए फायदेमंद होती हैं
पेट में जलन होने पर शीशम के कुछ पत्ते टुकड़े कर एक टम्बलर पानी में मिला लें। इसे छान लें फिर एक साथ मिलाकर पीने से पेट की जलन मे राहत मिलती है।
पेशाब की परेशानी
सीसम के पत्ते यूरिन प्रॉब्लम में फायदेमंद होते हैं
रुक रुक कर आना, जलन करते समय जलन या दर्द होना। इन सभी शेयरधारकों में सीसम के पत्तों का काढ़ा बना कर सेवन करने का लाभ मिलता है।
स्तन की सूजन
सीसम के पत्ते स्तनों की सूजन में लाभ पहुँचाते हैं
महिलाओं को बार-बार स्तन में सूजन की समस्या हो जाती है। ऐसे मे सीसम के पत्ते को गरम करके स्तनों पर ध्यान से सूजन ठीक हो जाती है। सीसम के पत्ते के काढ़े से स्तनों को धोने से भी सूजन मे आराम मिलता है। सीसम के पत्ते की भांप भी होती है।
मासिक धर्म की परेशानी
सीसम की पत्ती से मासिक धर्म में लाभ होता है
सीसम के पत्ते का काढ़ा दिन में दो बार आधा कप पीने से मासिक धर्म के समय होने से दर्द मे आराम मिलता है। सीसम के 8-10 पत्तों के मिश्रण के साथ पीस कर लेने से मासिक समय के हिसाब से रक्त का नजरिया सामान्य होता है।
ल्यूकोरिया
ल्यूकोरिया के लिए सीसम की पत्ती के फायदे
सीसम के पत्ते का काढ़ा बना कर इस जून को धोने से ल्युकोरिया मे फायदा होता है। साथ ही सीसम के पत्तों को मिलाकर इसे पीसकर सेवन करना चाहिए।
त्वचा रोग
सीसम का तेल त्वचा की समस्या के लिए फायदेमंद होता है
सीसम का तेल त्वचा पर लगाने से चरम रोग ठीक हो जाते हैं। यह खुजली भी ठीक करता है। साथ ही आधा कप सीसम के पाटों का काढ़ा भी दिया जाएगा।
रक्त संचार
सीसम का पत्ता ब्लड सर्कुलेशन के लिए फायदेमंद होता है
आधा कप दही में एक चम्मच शकर और एक चम्मच सीसम के पत्तों का रस मिलाकर लेने से रक्त संचार में लाभ होता है।
रक्त विकार
सीसम की लकड़ी रक्त शोधन के लिए लाभकारी होती है
सीसम की लकड़ी का बुरादा पानी मे प्रवेश करते हुए बुरा मानने से रक्त विकार दूर होते हैं। इस उपाय से बवासीर का खून का नजरिया और मासिक का अधिक नजर आना भी ठीक होता है।