Tulsi Pooja 2022 (Holy Basil Pooja 2022) – All Great Details in Hindi

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Tulsi Pooja 2022 – Holy Basil Pooja 2022

Tulsi Pooja 2022 (Holy Basil Pooja 2022) ये जीवन में सुख-शांति प्रदान करने वाला माना गया है. Tulsi Puja Rules: हिंदू धर्म में तुलसी को पूजनीय स्थान प्राप्त है. कहते हैं कि तुलसी जी को घर में रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है. इतना ही नहीं, तुलसी का पौधा जीवन में सुख-शांति प्रदान करने वाला माना गया है.

कार्तिक के महीने में तुलसी पूजा को विधि विधान के साथ भक्त करते हैं. अगर कार्तिक पूर्णिमा के दिन तक आप पूरी श्रद्धा और भाव के साथ तुलसी पूजा करते हैं तो देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. हिंदू धर्म में तुलसी को सबसे ज्यादा पवित्र और पूजनीय माना गया है.

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Tulsi Pooja 2022 (Holy Basil Pooja) 2022 Date, Saturday, 5 November
Tulsi Pooja 2022 - Holy Basil Pooja 2022
Tulsi Pooja 2022 – Holy Basil Pooja 2022
धूप, दीप, अगरबत्ती, फूल आदि से तुलसी के पौधे की पूजा करें। इसके बाद तुलसी मंत्र का उच्चारण करें और जल अर्पित करें। जल अर्पित करने के बाद तुलसी के पौधे की परिक्रमा करें। इसके पश्चात तुलसी जी की आरती करें और अंत में तुलसी की कथा का पाठ करें।

Tulsi Pooja 2022 (Holy Basil Pooja 2022) क्यों करते है?

भगवान विष्णु तथा मां लक्ष्मी की असीम कृपा प्राप्ति के लिए कार्तिक मास में तुलसी पूजन किया जाता है। कार्तिक मास में तुलसी पूजन का विशेष महत्व है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त कार्तिक मास में श्रद्धा पूर्वक तुलसी पूजन करता है उसे कई लाभ प्राप्त होते हैं।

Tulsi Pooja 2022 (Holy Basil Pooja 2022) कौन से दिन होती है?

कहते हैं कि अगर आप घर में तुलसी का पौधा लगाने की सोच रहे हैं, तो इसे गुरुवार के दिन लगाना शुभ होता है. – गुरुवार के साथ ही कार्तिक के महीने में तुलसी का पौधा लगाना उत्तम होता है. मान्यता है कि कार्तिक महीने में तुलसी के पौधे की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
प्रत्‍येक रविवार को, एकादशी तिथियों पर और इसके अलावा सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दिन तुलसी के पौधे में पानी नहीं देना चाहिए। इन सभी दिनों के अलावा सूर्यास्‍त के बाद तुलसी के पत्‍ते को नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्‍मी नाराज हो जाती हैं और आपके घर में कंगाली पांव पसारने लगती है।
कौन सी Tulsi Pooja (Holy Basil Pooja) की पूजा करनी चाहिए?
मान्यता के अनुसार, तुलसी के पौधे को माता लक्ष्मी जी का स्वरूप माना जाता है। इसलिए मां तुलसी की आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है। लेकिन तुलसी पौधे की पूजा और इसके रोपण के हेतु कुछ नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए। जैसे तुलसी के पौधे को रविवार को छोड़कर नियमित रूप से जल चढ़ाना चाहिए
Tulsi Pooja 2022 (Holy Basil Pooja 2022) को जल देते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?
Tulsi Pooja 2022 (Holy Basil Pooja 2022)
Tulsi Pooja 2022 (Holy Basil Pooja 2022)
तुलसी पौधे को जल चढ़ाते हुए यह विशेष मंत्र बोला जाए तो समृद्धि का वरदान 1000 गुना बढ़ जाता है। रोग, शोक, बीमारी-व्याधि आदि से छुटकारा मिलता है।
आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
Tulsi Pooja 2022 (Holy Basil Pooja 2022) में जल कब चढ़ाना चाहिए?
तुलसी के पौधे को कभी भी रविवार (Sunday) और एकादशी (Ekadashi) के दिन जल नहीं चढ़ाना चाहिए. मान्‍यता है कि इन दोनों दिन में तुलसी जी भगवान विष्‍णु के लिए व्रत रखती हैं. ऐसे में जल चढ़ाने से उनका व्रत टूट जाएगा और तुलसी का पौधा मुरझा जाएगा. – तुलसी के पौधे को बाकी दिनों में उचित मात्रा में ही जल चढ़ाएं.
रविवार को क्यों न चढ़ाएं तुलसी में जल
लेकिन ऐसा माना जाता है कि रविवार के दिन पानी नहीं डालना चाहिए। दरअसल ऐसी मान्यता है कि रविवार के दिन तुलसी माता भी भगवान विष्णु जी के लिए निर्जला व्रत करती हैं और उनमें यदि जल चढ़ाया जाता है तो उनका व्रत खंडित हो जाता है और भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि प्राप्त नहीं हो पाती है।
तुलसी में जल कैसे चढ़ाएं?
जल हमेशा तुलसी जी की जड़ में ही देना चाहिए। और तुलसी जी में जल चढ़ाते हुए तुलसी के पौधे की तीन बार परिक्रमा जरुर करें। सबसे पहले आप तुलसी की जड़ में जी चढ़ाएं और फिर एक बार परिक्रमा करें। फिर दोबारा जल चढ़ाकर फिर परिक्रमा करें।
तुलसी में शिवलिंग क्यों नहीं रखते?
शिवलिंग और गणेश पूजन में तुलसी का इस्तेमाल करना वर्जित है। इसके लिए पुराणों में दो कथा बताई गई हैं। पहली कथा के मुताबिक, भगवान शिव ने तुलसी के पति और दैत्यों के राजा शंखचूड़ का वध किया था, जिसके फलस्वरूप न तो शिव पूजन में तुलसी काम में लेते है और न ही शंख से शिवलिंग पर जल चढ़ाते है।
तुलसी माता का पति कौन है?
हिंदू धर्मग्रन्थों के अनुसार, वृंदा नाम की एक कन्या थी. वृंदा का विवाह समुद्र मंथन से उत्पन्न हुए जलंधर नाम के राक्षस से कर दिया गया. वृंदा भगवान विष्णु की भक्त के साथ एक पतिव्रता स्त्री थी जिसके कारण उसका पति जलंधर और भी शक्तिशाली हो गया.
तुलसी विवाह क्यों करते हैं?
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल एकादशी को चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं. इसके बाद भगवान विष्णु सबसे पहले तुलसी से विवाह करते हैं. इसलिए हर साल कार्तिक मास की द्वादशी को महिलाएं तुलसी और शालिग्राम का विवाह करवाती हैं.
तुलसी के पास क्या नहीं रखना चाहिए? 
कूड़ा-कबाड़ रखने से बचना चाहिए क्‍योंकि तुलसी का पौधा वातावरण को साफ करता है और इसमें औषधीय गुण भी होते हैं, इसलिए हमें इसके आस-पास कूड़ा-कबाड़ नहीं रखना चाहिए। गंदी जगह पर तुलसी के पौधे को नहीं रखना चाहिए और तुलसी पौधे के समीप कभी भी गंदगी नहीं फैलानी चहिए।
तुलसी माता का असली नाम क्या है?
हिंदू धर्म में इसी दिन से मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। क्या आपको पता है भगवान विष्णु को क्यों तुलसी माता से शालिग्राम के रूप में शादी करनी पड़ी थी। अगर नहीं, तो आप इस पौराणिक कथा के माध्यम से सारी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। कथा के अनुसार तुलसी माता का असली नाम वृंदा था।
तुलसी के पौधे को सूखने से कैसे बचाएं?
ठंड में तुलसी के पौधे में ठंडा पानी नहीं बल्कि हल्‍का सा गुनगुना पानी डालें। पानी में थोड़ा सा कच्‍चा दूध मिलाकर सींचने से तुलसी के पौधों में नमी बनी रहती है। तुलसी सूखने लगे तो सबसे पहले उसपर लगी मंजरी तुरंत हटा देना चाहिए।
निष्‍कर्ष

आशा है आप समझ गये होंगे कि Tulsi Pooja 2022 (Holy Basil Pooja 2022) और कैसे काम करता है, और,अगर फिर भी आपका कोई प्रश्न है तो आप हमसे नीचे कमेंट में पूछ सकते हैं।

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